Friday, August 17, 2012

शामिल नही एक भी शहीद

इनके पास है 
देश भक्तों की एक लम्बी सूची 
शामिल नही एक भी  शहीद
ये सभी ...
जमीन ,इमारतें , नदी तालाब 
को ही मानते हैं देश 

इनके देश में नही रहते 
हम -तुम जैसे 
आम लोग ..

4 comments:

  1. वाह....
    निःशब्द करते भाव...
    अनु

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  2. इनके देश में नही रहते
    हम -तुम जैसे
    आम लोग ..

    yahee sach hai

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इक बूंद इंसानियत

  सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...