राजा तो राजा ही था
और गायेन था सिर्फ 'गायेन'
उसी तरह बाइन था सिर्फ 'बायेन '
राजा था शायद ठाकुर या शायद ब्राह्मण
या शायद क्षत्रिय
पुरस्कार के नाम पर
दोनों को छला राजा ने
राजा इंद्र का प्रतीक मानता है खुद को
जंगल भेज दिया गायेन और बायेन को
पर हुआ क्या ?
उन्हें मिला भूतों का राजा
और ...हो गये मशहूर
तो दंड भी कभी -कभी वरदान हो जाता है
पर यह मत समझो कि
आप सभी राजा हैं
और आप देंगे दंड
फिर जब कोई खड़ा होगा अपने पैरों पर
दावा करोगे
कि तुम्हारे कारण हुआ ....
तब मैं हंसूंगा
क्यों कि आप सत्यजीत राय कभी नही हो सकते
कुटिल ही रहोगे
भूतों के राजा का वरदान तो कल्पना है
यह तो संघर्ष का फल है
जो उन्हें मिला
मैं सच कह रहा हूँ
अनुभव है मेरा ........
(सत्यजीत राय की फिल्म गुपी गायेन बाघा बाइन से प्रभावित ..)
और गायेन था सिर्फ 'गायेन'
उसी तरह बाइन था सिर्फ 'बायेन '
राजा था शायद ठाकुर या शायद ब्राह्मण
या शायद क्षत्रिय
पुरस्कार के नाम पर
दोनों को छला राजा ने
राजा इंद्र का प्रतीक मानता है खुद को
जंगल भेज दिया गायेन और बायेन को
पर हुआ क्या ?
उन्हें मिला भूतों का राजा
और ...हो गये मशहूर
तो दंड भी कभी -कभी वरदान हो जाता है
पर यह मत समझो कि
आप सभी राजा हैं
और आप देंगे दंड
फिर जब कोई खड़ा होगा अपने पैरों पर
दावा करोगे
कि तुम्हारे कारण हुआ ....
तब मैं हंसूंगा
क्यों कि आप सत्यजीत राय कभी नही हो सकते
कुटिल ही रहोगे
भूतों के राजा का वरदान तो कल्पना है
यह तो संघर्ष का फल है
जो उन्हें मिला
मैं सच कह रहा हूँ
अनुभव है मेरा ........
(सत्यजीत राय की फिल्म गुपी गायेन बाघा बाइन से प्रभावित ..)