Sunday, November 2, 2014

चिड़िया घर में कैद हैं

ईंट -सीमेंट के इस जंगल में
मैं इंसान खोज रहा हूँ ,
सुना है सभी जानवर इनदिनों
चिड़िया घर में कैद हैं।

इक बूंद इंसानियत

  सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...