Thursday, December 5, 2019

शेर आदमखोर भी होता है

सभी समुदाय के लोग
अपने-अपने पूज्यनीय नेताओं को
शेर बना कर प्रस्तुत करने लगे हैं
ये शेर शायर या कवि की पंक्तियों से नहीं बने हैं
ये शेर यानि सिंह हैं
सिंह यानि जंगल का राजा

शेर आदमखोर भी होता है
आदमखोर न भी हों तो भी
हिंसक तो होता ही है

हक़ की लड़ाई लड़ने वाला वीर योद्धा होता है
उन्हें  शेर क्यों बना रहे हैं सब इनदिनों!

शेर अपनी ताकत
नुकीले पंजे और दांत के दम पर
खुरदार प्राणियों का शिकार करता है
वह रहम नहीं करता कभी

क्या हमारे आदर्श पुरुष
शेर की तरह हिंसक थे?

इंसानों अपनी बस्ती में शेर की
जरुरत क्यों महसूस होने लगी अचानक?

बुद्ध, गांधी, मार्टिन लूथर किंग आदि ने हिंसा के बिना
करोड़ों दिलों को जीता
अहिसंक होना कायर होना तो नहीं है

और हक़ की लड़ाई के लिए शेर होना जरुरी नहीं
बहादूर होना हिंसक होना नहीं है

अहिंसा के नाम पर कायरता भी जायज नहीं

हिंसा सबसे अंतिम हथियार होना चाहिए
अधिकार और आत्मरक्षा के लिए।


इक बूंद इंसानियत

  सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...