Wednesday, March 26, 2014

भूतों के राजा का वरदान तो कल्पना है

राजा तो राजा ही था 
और गायेन था सिर्फ 'गायेन'
उसी तरह बाइन था सिर्फ 'बायेन ' 
राजा था शायद ठाकुर या शायद ब्राह्मण 
या शायद क्षत्रिय 

पुरस्कार के नाम पर 
दोनों को छला राजा ने 
राजा इंद्र का प्रतीक मानता है खुद को 
जंगल भेज दिया गायेन और बायेन को 

पर हुआ क्या ?
उन्हें मिला भूतों का राजा
और ...हो गये मशहूर

तो दंड भी कभी -कभी वरदान हो जाता है
पर यह मत समझो कि
आप सभी राजा हैं
और आप देंगे दंड
फिर जब कोई खड़ा होगा अपने पैरों पर
दावा करोगे
कि तुम्हारे कारण हुआ ....
तब मैं हंसूंगा

क्यों कि आप सत्यजीत राय कभी नही हो सकते
कुटिल ही रहोगे

भूतों के राजा का वरदान तो कल्पना है
यह तो संघर्ष का फल है

जो उन्हें मिला
मैं सच कह रहा हूँ
अनुभव है मेरा ........



(सत्यजीत राय की फिल्म गुपी गायेन बाघा बाइन से प्रभावित ..)

Friday, March 21, 2014

ক্যানিং নদী

ক্যানিং নদী মোজে গেছে 
দু ধারে অসংখ মানুষের বসবাস 
দাদু বলতেন 
এক সময় এই নদী নাকি ছিল খুব রাগী ,
দুরন্ত।
আসত যখন জোয়ার
মনে হত 


আসছে সেই অহঙ্কারী ইংরেজ অফিসার
লার্ড ক্যানিং
এক মাতালের মত
তাই এর নাম ছিল মাতলা নদী
এখন আর সেই রাগ নেই

বুড়ো হয়ে গেছে
ভাটা পড়লে দেখা যায় তার তলে পাঁক
ধসে যায় নৌকো
কাপড় গুছিয়ে পার করে তাকে সব
নদী ও বুড়ো হয়ে যায় গো মানুষের মতো
কত -কত মাছ , চিংড়ি
কত -কত জলীয় জীব বাস করতো আগে
তুমি তো ছিলে সুন্দর বনের জীবন রেখা
মেলা লাগতো
ছেলে -মেয়ে , বউ , মা , বাবা
সবাই আসতেন
মাঝিরা খেয়া টানতেন
ফুল , প্রদীপ , বাতাসা দিয়ে
তোমার পূজা করতেন

আমি বুঝলাম
তোমার অবস্থা
আর মানুষের গল্প এক হি
তুমি সুখিয়ে যাচ্ছ
আমি পাচ্ছি অসীম বেদনা
আমি দেখতে চাই আবার
তোমার সেই যৌবন। ...

Thursday, March 13, 2014

मुझ पर यह आरोप है

मुझ पर यह
आरोप है 
कि मैंने किया है उपहास 
उनके भगवान का |
यह आरोप 
मैने स्वीकार किया, 
पक्षपाती भगवान के लिए 
नही है कोई आदर 
मेरे मन में ....

इक बूंद इंसानियत

  सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...