तमाम अपराधों के बाद
वे गाएंगे
जन-गण-मन
वंदेमातरम्
और बन कहलाएंगे राष्ट्रवादी
जो कोई बोलेगा
गरीब, आदिवासी, अल्पसंख्यक
और दलितों पर हुए अत्याचारों के बारे में
कहलाएंगे गद्दार
संसद भवन की सीड़ियों पर माथा टेक कर
बन सकते हैं आप
देशभक्त
विदर्भ, कालाहांडी या कोई और हिस्सा देश का
जहाँ रोज मरने को विवश हैं लोग
उनकी बात न करना
बहुत महंगा पड़ेगा तुम्हें
ये देश हमारा नहीं
राष्ट्रवादियों का है
वे गाएंगे
जन-गण-मन
वंदेमातरम्
और बन कहलाएंगे राष्ट्रवादी
जो कोई बोलेगा
गरीब, आदिवासी, अल्पसंख्यक
और दलितों पर हुए अत्याचारों के बारे में
कहलाएंगे गद्दार
संसद भवन की सीड़ियों पर माथा टेक कर
बन सकते हैं आप
देशभक्त
विदर्भ, कालाहांडी या कोई और हिस्सा देश का
जहाँ रोज मरने को विवश हैं लोग
उनकी बात न करना
बहुत महंगा पड़ेगा तुम्हें
ये देश हमारा नहीं
राष्ट्रवादियों का है