Thursday, May 5, 2016

सपाट प्रेम कविताएँ

हाँ, मेरी प्रेम कविताएँ 
बहुत सपाट होती है 
आड़ी-तिरछी,
उबड़-खाबड़ तरीके से 
नहीं लिख पाता 
मैं प्रेम को |
मेरी प्रेम कविताएँ मोहताज नहीं
किसी
अलंकार और बनावटी शिल्प के |

युद्ध की पीड़ा उनसे पूछो ....

. 1.   मैं युद्ध का  समर्थक नहीं हूं  लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी  और अन्याय के खिलाफ हो  युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो  जनांदोलन से...