तुम्हारे कांधों से
जब उतरे
मेरी सांसे
और भीग जाये
तुम्हारा तन
मेरे अश्कों से
तब....
बंद आँखों से खोजना मुझे
तुम बीते हुए
हर लम्हे में
मेरी मौजूदगी का अहसास होने तक .........
जब उतरे
मेरी सांसे
और भीग जाये
तुम्हारा तन
मेरे अश्कों से
तब....
बंद आँखों से खोजना मुझे
तुम बीते हुए
हर लम्हे में
मेरी मौजूदगी का अहसास होने तक .........
bahut hi touching nzm h nittya ji.
ReplyDeleteShukriya Aman ji
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