मेरा विरोध
यूँ ही जारी रहे
ताकि ,
मैं सक्रिय हूँ
अहसास होता रहे |
रोज करो
तुम मेरी मौत की दुआ
मैं जीवित हूँ
अहसास होता रहे |
यूँ ही देते रहो
अहसानों के ताने
ताकि , मैं ऋणी हूँ तुम्हारा
यह अहसास होता रहे |
छुप कर करो वार
पीठ पर
एक दुश्मन है मेरा, कायर
अहसास होता रहे |
यूँ ही जारी रहे
ताकि ,
मैं सक्रिय हूँ
अहसास होता रहे |
रोज करो
तुम मेरी मौत की दुआ
मैं जीवित हूँ
अहसास होता रहे |
यूँ ही देते रहो
अहसानों के ताने
ताकि , मैं ऋणी हूँ तुम्हारा
यह अहसास होता रहे |
छुप कर करो वार
पीठ पर
एक दुश्मन है मेरा, कायर
अहसास होता रहे |
बहुत खूब ....बहुत पसंद आया ...सही और सच है आपके हर लफ्ज में ...
ReplyDeletebahut khoob, bahut sahj shbdo me gahn arth smetne ka fnn hai aapme nittya ji.
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