खुले आकाश के पंछी को
बनाना निशाना
बहादुरी नही
धर्म ध्वजा उठाकर चीखना
बहादुरी नही
निरुत्तर होकर
हाथ उठाना भी
नही है बहादुरी
करों सामना लहरों का
तूफान से लड़ों
पिंजरे के पंछी का
पंख काटना
बहादुरी नही
कायरता के सभी गुणों से पूर्ण
कोई बहादुर नही होता .....
बनाना निशाना
बहादुरी नही
धर्म ध्वजा उठाकर चीखना
बहादुरी नही
निरुत्तर होकर
हाथ उठाना भी
नही है बहादुरी
करों सामना लहरों का
तूफान से लड़ों
पिंजरे के पंछी का
पंख काटना
बहादुरी नही
कायरता के सभी गुणों से पूर्ण
कोई बहादुर नही होता .....
verrriii nice thought.
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