पतझड़ के मौसम में ,
तुम, बहुत याद आये
मैं शराबी हूँ, तुम्हे याद है ?
देखो लोग झूमते हैं पीकर
मैं झूमता हूँ
तुम्हे सोचकर ..
तुम, बहुत याद आये
मैं शराबी हूँ, तुम्हे याद है ?
देखो लोग झूमते हैं पीकर
मैं झूमता हूँ
तुम्हे सोचकर ..
. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
मोहब्बत का नशा है...सर चढ कर बोलता है....
ReplyDeleteसही कहा आपने , शुक्रिया
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