सपनों का क्या है
उन्हें तो बनना और बिखरना है
मेरी फ़िक्र इंसानों की है |
कहीं तो बची रहे आँखों में
इक बूंद इंसानियत
विनाश के हाथों से |
. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
सुंदर सृजन
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