वे लोग
जो, अपने भगवान और खुदा के अपमान पर
निकल पड़ते हैं बदला लेने के लिए
उनको कभी देखा नहीं
किसी भूखे को रोटी खिलाते हुए
किसी बीमार की सेवा करते हुए
इनके भगवान और गॉड
इनसे कितने खुश होते होंगे पता नहीं
जर्दानो ब्रूनो को चर्च ने
अफवाह फैलाने का आरोप लगाकर जिन्दा जला दिया था
जबकि वह गणितज्ञ एवं खगोलवेत्ता था
निकोलस कोपरनिकस ने कहा था - 'ब्रह्माण्ड का केंद्र पृथ्वी नहीं, सूर्य है।'
ब्रूनो ने निकोलस कोपरनिकस के विचारों का समर्थन करते हुए कहा - 'आकाश सिर्फ उतना नहीं है, जितना हमें दिखाई देता है,
वह अनंत है और उसमें असंख्य विश्व है।'
चर्च डर गया
रोम में भरे चौराहे पर ब्रूनो को जला दिया गया !
खगोल वैज्ञानिक गैलीलियो जो "ल्यूट" नामक वाद्य यंत्र बजाते थे
उन्होंने दूरबीन का अविष्कार किया
और कॉपरनिकस के सिद्धान्त का समर्थन किया
ईश्वरीय मान्यताओं से छेडछाड करने के आरोप में उन्हें कारावास मिला
जबकि हमें किसी भी ईश्वर की शिक्षा के बारे में कोई जानकारी नहीं है
उनके विश्वविद्यालयों की भी कोई जानकारी किसी दस्तावेज़ में
मौजूद नहीं है
फिर भी उनके आदेशों का पालन करने के लिए कहा जाता है बार-बार
अब जो भक्त मंदिर-मस्जिद और अपने ईश्वरों के अपमान की लड़ाई में
उन्माद हैं
उनसे पूछिये कोई सवाल तो
खड़ा हो जाता है बवाल
सुकरात को भी पीना पड़ा ज़हर
उसके प्याले में हमारे हिस्से का ज़हर भी शामिल था
मैंने नीलकंठ वाली कहानी बाद में सुनी है
गोविंद पानसरे भी शहीद हो गये
अंधेरे से हमें बचाने के लिए
ऐसे सैकड़ों शहीदों के बलिदान के बाद भी
युवक उतर आते हैं सड़कों पर
किसी दंगे के लिए
जला देते हैं पूरी की पूरी बस्ती
कौन खुदा और ईश्वर उन्हें ऐसा आदेश देता है ?
जबकि कोई भी ईश्वर रोक नहीं पाया
भूख और बीमारी से मरते लोगों को
नहीं रोक सका कोई भूकंप और सुनामी को
न ही किसी महामारी को ....!!