Tuesday, August 25, 2020

मैं शर्मिंदा हूँ

 आप जो ख़ामोश हैं

सोच कर कि सिर्फ एक औरत को नंगा कर दौड़ाया !
उस औरत में मेरी माँ थी
थी मेरी बहन
और मेरी प्रेमिका थी
आप देखते रहें
मजे लेते रहें नग्न बदन देख कर
मुझसे आँख मिलाकर बात कर सकते हो तुम
भद्र मानुष ?
थू है तुम पर
मैं शर्मिंदा हूँ कि
मैं तुम्हारे युग में जी रहा हूँ
तुम्हारे साथ

2 comments:

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