Thursday, March 15, 2012

धुआं -धुआं है चारो ओर


धुआं -धुआं है
चारो ओर
क्या बुझ गई है आग
या सुलग रही है
कहीं दबी हुई है भीतर
दिल के किसी कोने में ?

ये धुआं
एक संकेत है
इसे पढना आसान नही
कुछ लोग
दे रहे हैं हवा
देखना चाहते हैं
गर्माहट कितनी बची है
ढेर राख के नीचे .......................?

2 comments:

  1. धुंआ धुंआ है , संकेत चिंगारी की , पर बेखबर हर शक्स ...

    ReplyDelete
  2. यह शांति है
    किसी संभावित अशांति की,
    संभावित क्रांति की,
    अभी यह केवल एक भ्रांति है।

    ReplyDelete

इक बूंद इंसानियत

  सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...