बुने थे सपने
कुछ हसीं
सोचे बिना
टूटने का अंजाम
हर सप्न के साथ
टूटा , हर बार
आज बिखरा पड़ा हूँ
टूटे सपनो के साथ
सोचता हूँ
जोड़ लूं फिर से
हर टूटे हिस्से को
पर ...
दरारें फिर भी रह जाएँगी
कुछ हसीं
सोचे बिना
टूटने का अंजाम
हर सप्न के साथ
टूटा , हर बार
आज बिखरा पड़ा हूँ
टूटे सपनो के साथ
सोचता हूँ
जोड़ लूं फिर से
हर टूटे हिस्से को
पर ...
दरारें फिर भी रह जाएँगी