उन लोगों का कहना है
सब ठीक होगा
उम्मीद की इस दवा की
वैधता कितनी बची है अब
सब ठीक होगा
उम्मीद की इस दवा की
वैधता कितनी बची है अब
आखिरी रात कब सोये गहरी नींद याद नहीं
सुबह का इंतज़ार रहता इनदिनों
सपनों ने आत्महत्या कर ली है
सुबह का इंतज़ार रहता इनदिनों
सपनों ने आत्महत्या कर ली है
बारिश के बाद छाता भी तो बोझ लगता है
मेरी भाषा भी अब
संक्रमित हो चुकी है
सभ्यता की उम्मीद बेकार है
मेरी भाषा भी अब
संक्रमित हो चुकी है
सभ्यता की उम्मीद बेकार है
इस दौर में भी खुश हैं जो लोग
उन्हें देख कर हंस लेना भी अब छल लगता है
भोजन की खुशबू से पेट नहीं भरता
और मजदूर जीना चाहता है
इस चाहत पर भी दिक्कत है उनको
इस चाहत को भी तो लालच कहा है आपने
आपकी बातों से
उसकी भूख नहीं मिटती
उन्हें देख कर हंस लेना भी अब छल लगता है
भोजन की खुशबू से पेट नहीं भरता
और मजदूर जीना चाहता है
इस चाहत पर भी दिक्कत है उनको
इस चाहत को भी तो लालच कहा है आपने
आपकी बातों से
उसकी भूख नहीं मिटती
संतुलन अब कहीं नहीं है
मौत भारी है जीवन पर
चेहरों ने अभिव्यक्ति की भाषा खो दी है
आँखों में झांक कर देखा है कभी आपने ?
आँखों की भाषा सबको नहीं आती है
मौत भारी है जीवन पर
चेहरों ने अभिव्यक्ति की भाषा खो दी है
आँखों में झांक कर देखा है कभी आपने ?
आँखों की भाषा सबको नहीं आती है