Wednesday, August 5, 2020

राजघाट की समाधि पर आज बापू क्यों हैं खफ़ा !

बारिश होगी कुछ और देर
कुछ और रंग भी उतरेंगे
आगे-आगे देखिये
कुछ और मुखौटे खुलेंगे
जनता के नाम पर ये खेल चलेगा
कुछ भूखे मारे जायेंगे
दंगों की पीड़ा से कल तक जो दीखते थे आहत
सुने कि आज दीये जलाएंगे !
सत्ता खुश है
विपक्ष खुश है
इस वक्त दोनों जार्ज बुश है
मेरे दिमाग में भरा भूस है
जनता तो लेमनचूस है
चुन्नू खुश है
मुन्नू खुश है
खुश है मम्मी -पप्पा
सियार गान में शामिल हो गये सब
भूलकर अपना आपा
जब इतनी खुशियां चारों ओर है
राजघाट की समाधि पर आज बापू क्यों हैं खफ़ा !

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