Thursday, March 30, 2017

समय रहते चुनिए अपना पक्ष

जहाँ प्रेम पर पहरा हो
जहाँ एक पशु
मनुष्य से ऊपर हो जाये
उस पशु के शुद्ध गोबर से बने
उपले (गोईठा) 
हवन के लिए बिकने लगे ऑनलाइन
ऐसे समाज में जहाँ
जनहित में जहाँ सत्ता से सवाल करना हो
सबसे बड़ा अपराध
मानवीय मूल्यों की बात करना
खतरनाक है
पर,
मुक्तिबोध कह गये हैं
अब 'गढ़ और मठ तोड़ने होंगे ।'
कौन बनेगा अपराधी
मुक्तिबोध के कथन का पालन करने को
कौन है तैयार ?
अब, जब राजा ही देश है
और राजा की नीतियों की आलोचना
देशद्रोह का अपराध है
तब हम संविधान की दुहाई देते हुए
खामोश हो जाते हैं
राजा देवता का प्रतिनिधि होता है
इस कथन को याद करने के लिए
हमें यूनान या प्राचीन रोमन साम्राज्य में जाने की आवश्यकता नहीं है ।
केवल समय रहते चुनिए अपना पक्ष
अपने भविष्य के लिए ।

1 comment:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन और देविका रानी में शामिल किया गया है।कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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