Wednesday, May 20, 2020

हम भूल गये हैं ख़ुद से सवाल करना

दरअसल हम भूल गये हैं जलियांवाला कांड
भूल गये हैं शायद खुदीराम बोस का बलिदान
भगत सिंह की शहादत
और अब रोहित वेमुला की क़ुरबानी
दाभोलकर, कलबुर्गी और गौरी लंकेश को
इतिहास से कटे हुए लोग
नहीं बना सकते सुंदर भविष्य अपने लिए
वे भटका दिए गये हैं
धर्म की अफ़ीम पिला कर
आज सड़क, रेल पटरी पर पड़े हैं
मानव शव
हम दर्पण से डरने लगे हैं शायद
हम भूल गये हैं
ख़ुद से सवाल करना
कोई नहीं आएगा बचाने
बचने के लिए
उठ खड़ा होना पड़ेगा ख़ुद से
जब तक जारी रहेगा नरसंहार का यह खेल
संपूर्ण सत्ता
यानी तानाशाही...

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