Thursday, September 3, 2020

हमारी चुप्पी को वह स्वीकृति मान रहा है

 प्रतिरोध में खड़ा होना है

या अवसाद में ही मर जाना है
यह निर्णय का वक्त है

हमारी चुप्पी को
वह स्वीकृति मान रहा है

वह खेल रहा है
तोड़ रहा है हमारे सपनों को
वह ज़हर घोल रहा है
हमारे बच्चों के भविष्य में
और ऐसा होने नहीं दिया जाना चाहिए

उसे बतलाना होगा
हम टूटे हुए नहीं हैं
हम आयेंगे मिल कर उसके किले को ढहाने के लिए
हम ही बचायेंगे अपने देश को
ढहने से पहले ....

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