प्रतिरोध में खड़ा होना है
या अवसाद में ही मर जाना है
यह निर्णय का वक्त है
हमारी चुप्पी को
वह स्वीकृति मान रहा है
वह खेल रहा है
तोड़ रहा है हमारे सपनों को
वह ज़हर घोल रहा है
हमारे बच्चों के भविष्य में
और ऐसा होने नहीं दिया जाना चाहिए
उसे बतलाना होगा
हम टूटे हुए नहीं हैं
हम आयेंगे मिल कर उसके किले को ढहाने के लिए
हम ही बचायेंगे अपने देश को
ढहने से पहले ....
No comments:
Post a Comment