Thursday, April 21, 2011

ऐसा क्यों ?

खून हमेशा 
पानी से गाढ़ा होता है 
किन्तु खून आज बह रहा है 
पानी की तरह /

आज जो लौट कर आये 
इराक से 
अफगानिस्तान से 
भारत के दन्तेबाड़ा से 
गोधरा से ,सिंगूर और नंदीग्राम से 
उनके पैरों में 
खून के छींटे  देखी है मैंने 
लाल माटी देखी है हमने 
अपने ही देश में 
किन्तु --
जिन्होंने किया था लाल 
इस माटी को 
अपने ही नागरिकों के रक्त से 
उनके हाथों में 
आज सफेदी की चमकार है 
ऐसा क्यों?

No comments:

Post a Comment

इक बूंद इंसानियत

  सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...