आओ खेले
चोर -चोर
देश में फैलाये अँधेरा
घन घोर
करने दो जनता को शोर
विपक्ष को लगाने दो पूरा जोर
आओ खेलें हम चोर - चोर .//
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युद्ध की पीड़ा उनसे पूछो ....
. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
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. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
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नमक तो नमक ही है नमक सागर में भी है और इंसानी देह में भी लेकिन, इंसानी देह और समंदर के नमक में फ़र्क होता है! और मैंने तुम्हारी देह का नमक...
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नदी जब मौन हो नीरव हो रात ध्यान में बैठे हुए ऋषि की तरह निथर हो पर्वत,तब जुगनू क्या कहते हैं वृक्षों से लिपट कर? गाँव के सुनसान रास्ते को ...
भाई ,बचपन में हमलोग ..चोर पुलिस खेलते थे ..क्योकि उस समय पुलिस थी //
ReplyDeleteमगर सही कहा आपने ..अब चोर चोर खेलने का वक़्त आ गया है /
लाज़व्वाब