Sunday, September 5, 2010

तुम जलाओ बैंगन

उनका भत्ता   बढ गया है
तुम जलाओ बैंगन
काम तुम्हारा करते हैं
संसद में ये लोग लड़ते हैं
माइक,जूता - चप्पल  एक -दुसरे पर फेंकते  हैं
हवाई सर्वेक्षण करते हैं
और क्या तुम चाहते हो
तुम तो केवल पत्थर तोड़ते हो
ठेला चलाते और बोझा ढोते हो
हमेशा  महंगाई का रोना रोते हो
उनके बारे में कभी सोचते हो ?
हवाला कांड
चारा कांड
कफ़न कांड , बोफोर्स कांड
हत्याकांड , दंगा कांड
और न  जाने-
क्या -क्या  महाकांड
कितनी बखूबी करते हैं
सी . बी . आई . वाले भी
इनसे डरते हैं
इन्ही का कहा मानते हैं
अरे नादाँ  गरीब जनता
क्या तुम्हे नही पता
ये वही लोग हैं जो -
दिल्ली में रहते हैं
पटना में रहते हैं
पुरे देश में रहते हैं
खूब मस्ती करते हैं
"मेरा पोता करेगा राज"
बाबा नागार्जुन की यह कविता रोज पढते हैं
नोट के बदले वोट देते हैं
स्टिंग आपरेशन में पकड़े गए तो
पत्रकार को खरीदते हैं .
जरा सोचो -
वे भी गरीब हैं
तभी सरकार इन्हें सबकुछ
मुफ्त में देती है
इस महंगाई में  भी
इनके बच्चे बिदेशों में पढते हैं
इस महंगाई का   तो
उनपर भी है बोझ
तुमने उन्हें क्या दिया
मतदान केंद्र में जाकर सिर्फ  एक बटन दबाया
तुम तो काम वाले हो
वे तो  बेरोजगार हैं
काम के चक्कर में बिचारे
दिल्ली के  जनपथ पर  घुमते हैं मारा - मारा
इनसे बड़ा कौन बेचारा ?
तुम जनता समझते नही
किउन उन्हें परेशान करते हो
कम से कम चुनाव तो आने दो .

2 comments:

  1. हमारे नेता - बेचारे और बेरोजगार - बहुत ही उत्तम विचार है नित्य भैया :)
    और एक सवाल - हामारी जनता नासमझ है या फिर हमारे पास विकल्पों की कमी है ?

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